नेकी के बदले नफ़ा माँगते हो, आप भी ना
वफ़ा के बदले वफ़ा माँगते हो, आप भी ना।
वोट देकर मांगते हो रोटी और रोजगार
क्या ये हर दफ़ा माँगते हो, आप भी ना।
ग़रीब लूटे दिल तोड़े किए पाप बेहिसाब
गंगा नहाकर फिर क्षमा माँगते हो, आप भी ना।
पहले वाले तो वापिस किये नहीं अब तक
और दे दो उधार ये क्या मांगते हो, आप भी ना।
उम्र तुम्हारी ढल गयी तोंद भी निकल गयी
आशिक़ मगर छरहरा मांगते हो, आप भी ना।
खुद में हो चाहे हज़ारों ऐब भरे
महबूब मगर खरा मांगते हो, आप भी ना।
इश्क़ कर लिया है जब इस उम्र में तो क्या
अक़्ल वालों से मशवरा माँगते हो, आप भी ना।
हिंदी हिन्दोस्ता का खाते पीते ओढ़ते हो
ऑरेंज कहकर संतरा मांगते हो, आप भी ना।
बचपन से पढ़ाकर अंग्रेजी में बच्चों को
अब क्या ये हिंदी हिंदी की जबां मांगते हो, आप भी ना।
स्वार्थों के बस काट डाले जंगल सभी
अब साफ़ सुथरी हवा माँगते हो, आप भी ना।
उसे तो छोड़ा था बड़े गुमान में तुमने
उसी के जैसा मिलने की दुआ मांगते हो, आप भी ना।
हर तरफ़ जंग है और तबाही का मंजर
बस गुलाब के काँटों हेतु सजा मांगते हो, आप भी ना।
तुम्हारे पाँव के नीचे ज़मीन भी खिसक चुकी
चाँद सितारे आसमाँ माँगते हो, आप भी ना।
जुल्म जो हमने किए ही नहीं कभी
उन्ही के लिए सजा माँगते हो, आप भी ना।
जब भी मिले परायों की तरह बेदिली से
अब रूह से राबता मांगते हो, आप भी ना।
है वो पत्थर सारी दुनिया को है खबर
उसके इश्क़ होने की दुआ माँगते हो, आप भी ना।
ये दरिया तो हैं सारे के सारे समन्दर के
समंदर से ही इनके लिए धरा माँगते हो, आप भी ना।
तूफ़ानों में जब दिया जलाकर बैठ गए हो
फिर आंधीयों से दवा मांगते हो, आप भी ना।
मिलने के लिए कितने व्रत कितनी ख्वाहिशें
फिर बिछुड़ने की दुआ मांगते हो, आप भी ना।