सारी कशमकश
ख़त्म हो गयी है
तुम्हारा इंतज़ार अब नहीं होता
जो तुमने बहुत पहले बंद कर दिया था
वस्तुतः कभी किया
ऐसा आभास भी नहीं है,
नहीं ये प्रेम नहीं है।
जब कभी हमने कहा
तुमसे प्रेम हुआ जाता है
मन के इर्द गिर्द
तुम्हारे वलय बने हैं
तुमने चूमा और कहा
नहीं ये प्रेम नहीं है।
जब कभी हमने कहा
बहुत अच्छे लगते हो
वक़्त तुम्हारा है
सोच भी तुम्हारी
तब भी तुमने गले लगाया
और धीरे से बताया
नहीं ये प्रेम नहीं है।
हमने कहा क्या ही होगा फिर
प्रेम में होने पर
क्या तुम्हे देखने भर को
पुरे दिन की यात्रा करने का श्रम
या फिर एक झलक पाने को
सौ सौ बहाने व्यर्थ हैं
तुमने सांसो में साँसे डूबा कर
बालों को कान के पीछे ले जाकर
बहुत पास हर रोम
को उकसाकर कहा
नहीं ये प्रेम नहीं है।
तुमने चाहा की नहीं
मालूम नहीं
तुम्हारी बाहों के घेरे
ये पुकारते से होंठ
नरम से सीने की
कठोर सी जकड़न
पेट में बनती बिगड़ती तितलियाँ
आँखों में उमड़ा
समंदर सा नमक
और जो बेसाख्ता निकल गयी
वो सब सिसकियाँ
बता रही थी कि कुछ तो है
पर सबको धत्ता बता
तुमने फिर कहा
नहीं ये प्रेम नहीं है।
हाँ, नहीं ही होगा
तुमको प्रेम
शायद कभी नहीं होगा
पर भ्रम में डाला
तुमने हमको
उलझने बढ़ाई उम्र तक
हमारे लिए तो अब भी तब भी
शाश्वत सत्य था
तुम्हारे लिए आज भी
नहीं ये प्रेम नहीं है।
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