मैं आज फिर से कोरा कागज़ हूँ
तू कलम उठा अपना लिख दे।
बोसे रुख्सार के जुल्फों के साए
कर लूँ यकीं या सपना लिख दे।
मौला मेरे नाराज़ न हो किंचित
मेरे हिस्से नाम उसका जपना लिख दे।
आहों में बाहों में उसकी सब चाहों में
उसके दिल पे मेरा छपना लिख दे।
तू कलम उठा अपना लिख दे।
बोसे रुख्सार के जुल्फों के साए
कर लूँ यकीं या सपना लिख दे।
मौला मेरे नाराज़ न हो किंचित
मेरे हिस्से नाम उसका जपना लिख दे।
आहों में बाहों में उसकी सब चाहों में
उसके दिल पे मेरा छपना लिख दे।
Awesome composition...
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