उदास से चेहरे, हताश से चेहरे
झुर्रियों से भरे निराश से चेहरे।
आँखे थकी सी सूखे से होंठ
उजड़ी फसल टूटी आस से चेहरे।
सुखी तिड़की हुयी जमीन
जली घास प्यास से चेहरे।
बिड़ी फूंकते हुक्के गुड़गुड़ाते
गंवाते होशो-हवास से चेहरे।
खुद में अनजाने से बसे
थके मांदे प्रवास से चेहरे।
बीमारियों से जूझते बारहां
कभी ठीक हों काश से चेहरे।
झुर्रियों से भरे निराश से चेहरे।
आँखे थकी सी सूखे से होंठ
उजड़ी फसल टूटी आस से चेहरे।
सुखी तिड़की हुयी जमीन
जली घास प्यास से चेहरे।
बिड़ी फूंकते हुक्के गुड़गुड़ाते
गंवाते होशो-हवास से चेहरे।
खुद में अनजाने से बसे
थके मांदे प्रवास से चेहरे।
बीमारियों से जूझते बारहां
कभी ठीक हों काश से चेहरे।
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