Saturday, August 1, 2015

आँखों वांखो से पिला नहीं...........

आसमां हूँ मैं, तुझे मुझसा कोई मिला नहीं
नज़र में है सब पर तुझसे कोई गिला नहीं।

नन्ही आस, प्रेम प्यास और माँ का विश्वास
सब हूँ बस पायल छनकने का सिलसिला नहीं।

या तो मुझको लगा गले नहीं तो मैं लिपट जाऊं
सच के जतन कर आँखों वांखो से पिला नहीं।

जमीं बन जिंदगी दे मैं आसमां तुझको सींच दूं
खुशियाँ बेहिसाब बांटे दर्द की टहनियां हिला नहीं।

जो किया,कहा, दिया वो ही तो रहेगा सदा के लिए    
हर्फ़ ज़िंदा रहेंगे बस बाकी कुछ अगला पिछला नहीं।

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