Wednesday, June 10, 2015

चली गयी.....

तेरे लौटने की आस चली गयी ।
यूँ मेरी चलती सांस चली गयी ।

ना आया जब वर्षो के इंतज़ार में
घर लेकर उसके पास चली गयी ।

धुंधलका छाया जिंदगी में बहुत
रौशनी चाँद के पास चली गयी।

इतना इंतज़ार मत कराओ कि
आने पे लगे अब प्यास चली गयी।

तुमसे खुशियाँ थी मेरे घर में
अब किस्मत गमों के पास चली गयी।



No comments:

Post a Comment