पल पल
और लो
एक पल जिंदगी का बीत गया
सरोबार था
मन खुशियों से
तेरी याद आई सब रीत गया।
तूम मुझसे
जमाना तुमसे
कुछ कुछ सब कोई जीत गया,
ऐ मन तू हारा
जग जीता
अबकी बार तेरा मनमीत गया।
जो लिखा
तुम्हारी खातिर
वो व्यर्थ मेरा हर गीत गया,
शब्द रूठे
कलम रूठी
मधुरिम प्रेम संगीत गया।
लौटा फिर से
गीत
संगीत
मीत
सुनिश्चित कर जीत
ओ रे निष्ठुर !!!!
और लो
एक पल जिंदगी का बीत गया
सरोबार था
मन खुशियों से
तेरी याद आई सब रीत गया।
तूम मुझसे
जमाना तुमसे
कुछ कुछ सब कोई जीत गया,
ऐ मन तू हारा
जग जीता
अबकी बार तेरा मनमीत गया।
जो लिखा
तुम्हारी खातिर
वो व्यर्थ मेरा हर गीत गया,
शब्द रूठे
कलम रूठी
मधुरिम प्रेम संगीत गया।
लौटा फिर से
गीत
संगीत
मीत
सुनिश्चित कर जीत
ओ रे निष्ठुर !!!!
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