Thursday, September 11, 2014

देखूं कैसे........

ख्वाब तेरे
साथ तेरा
पल पल
तेरी बातों ने
मन को घेरा,

तुझ संग
महके सावन
छुअन तेरी 
तन पावन
शेष नहीं
कुछ भी मेरा,

मेरे अरमान
मुस्कान
पहचान
सब में
बस तेरा डेरा,

मन की चाहना
सीढ़िया
तन की
मैं मन हूँ प्रिय
और तू तन मेरा 
तुझ बिन
देखूं कैसे सवेरा,




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