Thursday, November 8, 2012

मैं जब से तेरी हुई ......

मैं जब से तेरी हुई
सारी खुशियाँ मेरी हुई।


कह दे सो मैं कर दूँ
प्यार की तेरे चेरी हुई।


फक्त तेरे लिए बनी
खुदा से पर देरी हुई।

नब्ज में हर खूं कतरे में
तेरे प्रेम में घेरी हुई।

तुझ बिन मैं ऐसे
थारी रेत जैसे ढेरी हुई।

थी नाज़ुक तितली
प्यार से अब केहरी हुई।

दूर तुमसे न मर के भी
कहा दिल ने तेरी बस तेरी हुई।

हां जब से तेरी हुई
सारी खुशियाँ मेरी हुई।

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