गरीब के भाग का छींका फुटा है
आज एक भ्रम टुटा है
हैं जो गरीब
बेहद गरीब
ऐसे गरीब
जिनके पास नहीं है
घर
कार
वो नहीं
काबिले प्यार।
तो
ऐ मेरे हमसफ़र
ये तेरी मर्ज़ी है
तू साथ चल या न चल
गरीब चलेगा
राहे मंजिल मगर
खुदा होगा मेहरबां
करना इंतजार
वो भी बनेगा
काबिले प्यार।
सवाल
ये भी है कि
टूटे हुए दिलों को
कहाँ मिला है करार
तो
अलविदा
कह देता हूँ
क्या पता
गरीब कब बने
काबिले प्यार!!
तुम काहे करो इंतजार!!
आज एक भ्रम टुटा है
हैं जो गरीब
बेहद गरीब
ऐसे गरीब
जिनके पास नहीं है
घर
कार
वो नहीं
काबिले प्यार।
तो
ऐ मेरे हमसफ़र
ये तेरी मर्ज़ी है
तू साथ चल या न चल
गरीब चलेगा
राहे मंजिल मगर
खुदा होगा मेहरबां
करना इंतजार
वो भी बनेगा
काबिले प्यार।
सवाल
ये भी है कि
टूटे हुए दिलों को
कहाँ मिला है करार
तो
अलविदा
कह देता हूँ
क्या पता
गरीब कब बने
काबिले प्यार!!
तुम काहे करो इंतजार!!
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