हर्फ़ लिखते हो मिटाते हो
राज़ गहरा कोई छुपाते हो।
मन जो भरा भरा सा है
ख़ुशी के गीत गुनगुनाते हो।
यूँ सूखे पेड़ो से न फूल गिरेंगे
इन्हें नाहक हिलाते हो।
ये राहे मंजिल तो नहीं
तुम किधर चले जाते हो।
आँखे सब सच बोल रही हैं
काहे हमसे प्यार छुपाते हो।
कह कह के हम तो हारे
तुम फक्त मुस्कराते हो।
इश्क -मोहब्बत दिलो की बातें हैं
किताबो से क्या चुराते हो।
दीवारों-दरबान हैं लाखों दिल पे
फिर कैसे इसमें समाते हो।
कितनो से रूबरू होंगे इस जिन्दगी
इतने हुनर कहा से लाते हो।
ऐ खुदा मुझे मौके बख्शना
देखते हैं तुम कितना भुनाते हो।
हर्फ़ लिखते हो मिटाते हो
राज़ गहरा कोई छुपाते हो।
राज़ गहरा कोई छुपाते हो।
मन जो भरा भरा सा है
ख़ुशी के गीत गुनगुनाते हो।
यूँ सूखे पेड़ो से न फूल गिरेंगे
इन्हें नाहक हिलाते हो।
ये राहे मंजिल तो नहीं
तुम किधर चले जाते हो।
आँखे सब सच बोल रही हैं
काहे हमसे प्यार छुपाते हो।
कह कह के हम तो हारे
तुम फक्त मुस्कराते हो।
इश्क -मोहब्बत दिलो की बातें हैं
किताबो से क्या चुराते हो।
दीवारों-दरबान हैं लाखों दिल पे
फिर कैसे इसमें समाते हो।
कितनो से रूबरू होंगे इस जिन्दगी
इतने हुनर कहा से लाते हो।
ऐ खुदा मुझे मौके बख्शना
देखते हैं तुम कितना भुनाते हो।
हर्फ़ लिखते हो मिटाते हो
राज़ गहरा कोई छुपाते हो।
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