तुम्ही ने उगाया, तुम्हारे तुफानों ने तोड़ दिया,
खुदाया तुम्हे क्या कहें हाथ हमारा जो छोड़ दिया।
कुछ था नहीं शायद हम निरे नादान ठहरे
नाम तुम्हारे के साथ अपना नाम जोड़ दिया।
कुछ ख्वाहिशें, गर ख्वाहिशें रहती तो ठीक थी
हुआ बुरा जो उन्होंने दायरा अपना तोड़ दिया।
तुम्हारी नज़र में हम क्या थे न मालूम रहा
इन हवाओं ने रुख हमारी नज़र का मोड़ दिया।
ये फिज़ा ये बहार तुम्हारे रुखसार पे सजाते
मन का वहम निकाला ये गुब्बार भी फोड़ दिया।
तुम्ही ने उगाया, तुम्हारे तुफानों ने तोड़ दिया,
खुदाया तुम्हे क्या कहें हाथ हमारा जो छोड़ दिया।
खुदाया तुम्हे क्या कहें हाथ हमारा जो छोड़ दिया।
कुछ था नहीं शायद हम निरे नादान ठहरे
नाम तुम्हारे के साथ अपना नाम जोड़ दिया।
कुछ ख्वाहिशें, गर ख्वाहिशें रहती तो ठीक थी
हुआ बुरा जो उन्होंने दायरा अपना तोड़ दिया।
तुम्हारी नज़र में हम क्या थे न मालूम रहा
इन हवाओं ने रुख हमारी नज़र का मोड़ दिया।
ये फिज़ा ये बहार तुम्हारे रुखसार पे सजाते
मन का वहम निकाला ये गुब्बार भी फोड़ दिया।
तुम्ही ने उगाया, तुम्हारे तुफानों ने तोड़ दिया,
खुदाया तुम्हे क्या कहें हाथ हमारा जो छोड़ दिया।
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