थी तेरी मर्ज़ी नहीं, बस तुने अहसान किया
दिल रोया बहुत इसने राज़ ये जान लिया,
भ्रम टूटा इस कदर टुकड़े न जाने कितने थे
कुछ अश्को के ढेर कुछ ने हमे जिन्दा किया,
हम अश्को पे लिखा करते थे कहानिया
तुमने हर पल अश्को का सामान किया,
जा तेरी मर्ज़ी भी है जाने की हमारा क्या
सडको का सामान किसने अपने सर लिया ,
कसम तुझे आँखों में बहाने से भी मत आना
मुमकिन है ढलक जाये आंसुओ क्या ठान लिया........
दिल रोया बहुत इसने राज़ ये जान लिया,
भ्रम टूटा इस कदर टुकड़े न जाने कितने थे
कुछ अश्को के ढेर कुछ ने हमे जिन्दा किया,
हम अश्को पे लिखा करते थे कहानिया
तुमने हर पल अश्को का सामान किया,
जा तेरी मर्ज़ी भी है जाने की हमारा क्या
सडको का सामान किसने अपने सर लिया ,
कसम तुझे आँखों में बहाने से भी मत आना
मुमकिन है ढलक जाये आंसुओ क्या ठान लिया........
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