लैटर पैड सी........
क्षण
पहर
दिन गुजरे
स्वयं में डूबकर
गहन सोच विचार के बाद
पहर
दिन गुजरे
स्वयं में डूबकर
गहन सोच विचार के बाद
कुछ अक्षर
कागज पर उभरे
फिर दो चार तहकर
कागज को बंद कर दिया
एक दुसरे कागज में
जीवन जैसे बंद हो गया हो
खाली भरे मकानों
दुकानों
और ऑफिसों में
कुछ मोहरे लगाईं गयी
गंतव्य पर पहुंचा
या फिर
पहुँचने से पहले ही फट गया
कि फटना जैसे नियति हो
अलबत्ता गोचर हुआ
जैसे जातियों के ठप्पे लगा दिए हो
इंसानों पर
और छोड़ दिया गया हो
सांडो कि तरह
लड़ने मरने के लिए
अपने संतापों से उबर
कोई मनुष्य
पुराने पत्र को फाड़कर जै
से फिर तैयार हो
एक नया नाम लिखने को
जिंदगी भी है ....एक लैटर पैड सी !!!
कागज पर उभरे
फिर दो चार तहकर
कागज को बंद कर दिया
एक दुसरे कागज में
जीवन जैसे बंद हो गया हो
खाली भरे मकानों
दुकानों
और ऑफिसों में
कुछ मोहरे लगाईं गयी
गंतव्य पर पहुंचा
या फिर
पहुँचने से पहले ही फट गया
कि फटना जैसे नियति हो
अलबत्ता गोचर हुआ
जैसे जातियों के ठप्पे लगा दिए हो
इंसानों पर
और छोड़ दिया गया हो
सांडो कि तरह
लड़ने मरने के लिए
अपने संतापों से उबर
कोई मनुष्य
पुराने पत्र को फाड़कर जै
से फिर तैयार हो
एक नया नाम लिखने को
जिंदगी भी है ....एक लैटर पैड सी !!!
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