Monday, August 8, 2011

ले गया सब साथ अपने वो

लड़े  थे  प्यार की  खातिर  जिससे  हम,
था  सबसे  हंसी  दोस्त  जो /
मैं  सोचता  हु अक्सर  
की वो चला  गया ,
हर पल नज़र आता  
दिल  में  बैठा  है  वो /  
गर  मैं इतना  गरीब  न  होता 
तो  शायद  तू  मेरा  नसीब  होता/ 
ये  दुनिया  है जालिम  बहुत  पर 
गया  जो सो  तो गया वो /  
उस  शहर   में ढूँढा  तुम्हे 
और  गाँव  भी  छान  मारे  बहुत
कुछ लम्हे थे हमें  प्यारे बहुत 
ले गया सब साथ अपने वो/

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