लड़े थे प्यार की खातिर जिससे हम,
था सबसे हंसी दोस्त जो /
था सबसे हंसी दोस्त जो /
मैं सोचता हु अक्सर
की वो चला गया ,
हर पल नज़र आता
दिल में बैठा है वो /
गर मैं इतना गरीब न होता
तो शायद तू मेरा नसीब होता/
ये दुनिया है जालिम बहुत पर
गया जो सो तो गया वो /
उस शहर में ढूँढा तुम्हे
और गाँव भी छान मारे बहुत
कुछ लम्हे थे हमें प्यारे बहुत
ले गया सब साथ अपने वो/
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