Thursday, March 9, 2023

तुम्हारे जाने से .....

 ये बादल

ये नदी

ये छत

सब महकते हैं 

तुम्हारे यहां कभी आने से ,


ये धारा 

ये भाव

ये मौसम

सब बदल जाते हैं

हंस देते जब तुम अनजाने से ।


मेरा मन

तुम्हारा मन

ये आंखे 

ये होंठ

तरसते से 

रहते हैं कैसे दीवाने से,


तुम्हारी चाह

देखती राह

खिलते से गुलशन

महकते से बदन

मुरझा जाते हैं 

मजबूरन तुम्हारे जाने से ।


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