सुनो जाना
तुम्हारे साथ जीवन कितना सहज है
जो मन किया कह दिया
जो दिल किया सुन लिया,
जो सोचा वो भी
जो किया वो भी
तुम्हारे चेहरे के भाव सारे
कभी पढ़ लिये कभी सुन लिया,
सिकन और दर्द पर
बहस कभी की नहीं
जीत के हार के
मायने सब बदल गए
कभी आंसू टपके तो नमी हृदय में थी
कभी आंखो में डूब गए
कभी अनकहा सुन लिया,
खुशियां और गम हमारे हुए
हम तुम्हारे सारे के सारे हुए
कभी फोन देख कर शरारत की
माथे की लकीरों को पढ़ लिया
ये भी तो तय है
कभी जो कह न सके वो प्रेम था
बाकी सब सुन लिया,
हाथों की गर्मी हमारी है
गले लग के सुकून की तारी है
तुम्हारे पास होने से
दूर हर बीमारी है
तुम्हारे साथ जीवन कितना सहज है
जो मन किया कह दिया
जो दिल किया सुन लिया ।
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