नूतन दिन, वर्ष नया, नई ये कहानी है
इरादे नवीन
ख़ुशियाँ ढूंढे
इश्क़ वही
जान पहचान पुरानी है,
रास्ते दुर्गम
कठिन डगर
वही चाल पुरानी है,
गर्म रखने हैं
रिश्ते हमने
सूखे जंगल से
गीली लकड़ियाँ चुरानी हैं,
तुम्हारा प्यार
हमारा हक़
सब है बेशक
कुछ गलतफहमियां सुहानी हैं,
चल कुछ
खुशियों के समंदर ढूंढे
शिकायतों की नदियाँ डूबा दे
पतवारों की बाहें खोलें
कश्तियाँ पार लगानी हैं,
आओ खुशियाँ चुन लें
नूतन दिन, वर्ष नया, नई ये कहानी है।
U r awesome with new zeal
ReplyDeleteThanks and keep on reading plz....your encouragement is my strenth
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