Tuesday, November 21, 2017

कुछ लोग घर जायेंगे

शाम होगी तो कुछ लोग घर जायेंगे 
सब तेरे हैं क्या जो बिखर जायेंगे। 

यूँ भी तेरी आँखों के इशारों से 
कुछ तो हैं जो दर बदर जायेंगे। 

चलो कुछ ख्वाब तुम भी देखो 
जाग कर कौनसा सब संवर जायेंगे। 

वादे तुम भी कर लो किसी से 
कौनसा निभाने हैं जो मर जायेंगे। 

अभी क्या दूँ तुम्हे मेरे हमदम 
कल का पक्का है शहर जायेंगे। 

शाम होगी तो कुछ लोग घर जायेंगे 
सब तेरे हैं क्या जो बिखर जायेंगे। 





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