शाम होगी तो कुछ लोग घर जायेंगे
सब तेरे हैं क्या जो बिखर जायेंगे।
यूँ भी तेरी आँखों के इशारों से
कुछ तो हैं जो दर बदर जायेंगे।
चलो कुछ ख्वाब तुम भी देखो
जाग कर कौनसा सब संवर जायेंगे।
वादे तुम भी कर लो किसी से
कौनसा निभाने हैं जो मर जायेंगे।
अभी क्या दूँ तुम्हे मेरे हमदम
कल का पक्का है शहर जायेंगे।
सब तेरे हैं क्या जो बिखर जायेंगे।
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