Monday, August 17, 2015

हो गया ....


आरोप निरे निराधार लगा रहा है
सुना वो हुकूमत के करीब हो गया,

खुद पे रहम खा रहा है आजकल
किसी के जाने से इतना गरीब हो गया,

हंसके बात करने का मतलब ये तो नहीं
तुम्हारा कोई सच में रकीब हो गया,

खफा भी हैं और बात भी करनी है
कहें किसे, कैसा अपना नसीब हो गया,

सोचा था पूछेंगे तेरा हाल तुझसे
घबरा के हाल हमारा बेतरतीब हो गया,

 
 

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