तेरा यूँ चले जाना अच्छा लगा
वो जाने का बहाना अच्छा लगा ।
बहुत दी होंगी जमाने ने शिकस्तें
तेरी जीत का निमित बन जाना अच्छा लगा ।
प्यार नहीं समझौता किया था तुमने
आज दिल का टूट जाना अच्छा लगा ।
आत्मग्लानि से भरा तेरा आलिंगन
बाँहों का छिटक जाना अच्छा लगा ।
दोस्ती भी न निभा पाये तुम तो
खुद पे तरस खाना अच्छा लगा ।
प्यार से दोस्ती और फिर बेरुखी
रिश्तों का बदल जाना अच्छा लगा।
सवाल कितने बिन जवाबों के
कभी पूछेंगे ये फ़साना अच्छा लगा।
कितने गहरे शूल चुभे फिर भी
तेरे लिए दुआओं का खजाना अच्छा लगा।
मैं और मेरी दहशती आवारगी
इनमें आज डूब जाना अच्छा लगा ।
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