Thursday, July 4, 2013

रोते लोगों को हंसी दीजिये...

कुछ इस तरह ख़ुशी दीजिये
रोते लोगों को हंसी दीजिये।

तन और मन को जुदा क्यों
प्यार में सब का सब दीजिये।

वादा जब कर दिया किसी से
अब दिल से उसे निभा दीजिये।

बहुत करवाई मनमानी तुम्हे
माँ बाप को न अब सजा दीजिये।

कंजूसी इतनी नहीं अच्छी
कहीं तो किसी को कुछ दीजिये।

वर्षों से बहा दरिया में पानी
न छेड़ो, बस पाप बहा दीजिये।

तुम न दोगे तो खुद बनाएगा
पानी है इसको रास्ता दीजिये।







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