वो मेरे अश्को का हिसाब रखता होगा,
जिसको पूजा मैंने क्या खुदा होगा।
साबित किया उसने हमेशा मुझे गलत
गर वो खुदा होगा तो क्या गिला होगा।
कहूँ किस को मैं अपना यहाँ
कोई घर तो उसने चुना होगा।
बहुत दे लिए इम्तेहां मैंने
ज़रा असर तो कहीं हुआ होगा।
होंसला तो बहुत रखा है मेरी जान
जिंदगी के इस मोड़ पे वो क्यों जुदा होगा।
गिर गया जो ज़रा से तूफान से
उस घर की नींव में कुछ रहा होगा।
जिसको पूजा मैंने क्या खुदा होगा।
साबित किया उसने हमेशा मुझे गलत
गर वो खुदा होगा तो क्या गिला होगा।
कहूँ किस को मैं अपना यहाँ
कोई घर तो उसने चुना होगा।
बहुत दे लिए इम्तेहां मैंने
ज़रा असर तो कहीं हुआ होगा।
होंसला तो बहुत रखा है मेरी जान
जिंदगी के इस मोड़ पे वो क्यों जुदा होगा।
गिर गया जो ज़रा से तूफान से
उस घर की नींव में कुछ रहा होगा।
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